History of Kohinoor Diamond Hindi Information ।  कोहिनूर हिरा हिंदी जानकारी

'कोहिनूर' जिसका अर्थ होता है 'रोशनी का पर्वत'। इस हीरे का होना बर्बादी का  कारण  माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो कोई भी राजा इस हीरे को पहनता है वह बर्बाद हो जाता है। इस हीरे ने बहुत शोर मचाया। कई राजाओं ने इस हीरे को रखा, लेकिन जिसने इसे रखा वह मर गया।  यह कोहिनूर हिर्जोस जी किसी के पास पहुचता था, उसे शुरू में खूब लाभ हुआ लेकिन लेकिन अंत बड़ी बुरी तरह से होता था।

हिरा यह एक प्रकार का मौल्यवान रत्न है . वैसे देखा जाये तो रत्न तो कही  प्रकार के होते है लेकिन कोहिनूर  हिरे की गिनती सबसे अद्भुत रत्न में की जाती है, अनेक राजा महाराजो को हिरा बहुत ही प्रिय होता था, उसकी चमक को देखकर हर कोई कोहिनूर हिरा को पाने की चाहत रखता था. जानकारी अनुसार इसकी शुरवात  कोल्लूर खदान जो आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में स्तिथ है, यही से यह हिरा बाहर आया ऐसे माना जाता है, तो कई लोगो का मानना है की  3200 ई.पू . किसी को हिरा नदी के तल में मिला था,  आज कई देश कोहिनूर हिरा अपना होने का दावा करते है . कोहिनूर हिरा यह विषय आज भी चर्चा में बना हुआ है  

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Kohinoor Diamond- कोहिनूर हिरा 


कोहिनूर हिरे की कीमत कितनी है (Kohinoor Diamond Price)


आपको बता दे की अब तक इतिहास में यह कोहिनूर हिरा एक भी बार नही बिका गया । यह हिरा दो राजाओं के युद्ध से जीता जाता था, अथवा भेट स्वरूप एक राजा  किसी अन्य राजा को दे देता था । इसलिए इसकी कीमत नही लगा पाये 

लेकिन आज की पीढ़ी के मन में यह सवाल जरुर आता है की, आखिर कोहिनूर हिरे की किमत  कितनी होगी ?,  और कोहिनूर हिरा इतना क्यों मेहंगा है?,   कोहिनूर हिरा इस समय कहां है ?,  कोहिनूर हिरा किसने चुराया था ? आपके सभी सवालों के जवाब पढिये ये इस लेख में 

कोहिनूर हिरे की कीमत का अंदाजा आप यह पढकर लगा सकते है की, आज से 62 साल पहले हांगकांग में  46  मिलियन डॉलर में बिकने वाला हिरा जिसका नाम था "ग्राफ पिंक हीरा" जो की सिर्फ 24.78 कैरेट का था। और कोहिनूर हिरा 105.6 कैरेट का है 

वर्त्तमान में कोहिनूर हीरे की कीमत लगबग 150 हजार करोड़ रूपये है , 21.600 ग्राम  का यह कोहिनूर हिरा ब्रिटेन की प्रसिद्ध आमिर महारानी "एलिजाबेथ द्वितीय" के ताज  का महत्वपूर्ण  हिस्सा है । एक उचित अनुमान के अनुसार यदि इस अमूल्य हिरे को बेच दिया जाये  तो 700 सालो तक पूरी दुनिया का खाना पेट भरा खिलाया जा सकता है ।


अभी इस वक्त कोहिनूर हिरा कहां है ( Where is Kohinoor Diamond )


आज के वर्तमान में कोहिनूर हिरा ब्रिटेन के शाही राजपरिवार के पास है । ब्रिटेन की राजधानी लंदन में टेम्स नदी के किनारे ,लंदन टॉवर नामका विशाल किला है जिसे  "विलियम द कॉकरर" ने  सन 1078 में बनवाया था इसी किले में राजपरिवार के शाही जवाहरात के साथ कोहिनूर हिरा भी सुरक्षित रखा गया है 

ब्रिटेन के राजपरिवार का  हाल छुपने से भी छुपाया नही जाता । क़त्ल , दुर्घटना , अकाल मौत और कई बदनामी के दौर सहने के बाद भी यह कोहिनूर हिरा आज भी परिवार के पास ही है ।


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# ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लुटा कोहिनूर 


भारत के सिक्ख शासक राजा रणजीत सिंह के पास यह हिरा कई दिनों तक सुरक्षित रहा. लेकिन 1849 में ब्रिटिश द्वारा राजा रणजीत सिंह के संपत्ति पर कब्जा किया गया, इसके बाद ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने उनके खजाने में रख लिया गया, ऐसा माना जाता है की कोहिनूर हिरा ब्रिटिश द्वारा घूम गया था, और बादमे  उनकेही नौकर द्वारा उसे वापस लोटा दिया गया ।इस चकमकते, बेशकीमती हिरे को अंत में जुलाई 1850 को ब्रिटेन की क्वीन महारानी विक्टोरिया को सौप दिया गया. 

दरअसल, रानी  विक्टोरिया को कोहिनूर का  शापित होना  का ये  राज के बारे में बताया जाता है, तब 1852 में रानी अपने मुकुट में कोहिनूर हीरा जड़वाकर खुद  पहनती है और गवाही देती है कि यह  ताज हमेशा महिला ही  पहनेगी । यदि कोई व्यक्ति ग्रेट ब्रिटेन का राजा बनता है, तो यह ताज उसकी पत्नी को ही  पहनाया  जाएगा।


# कोहिनूर हिरे को काटना , तराशना


शुरुवाती काल में कोहिनूर हिरा 793  कैरेट का था । सन 1852 से पहले यह 186 कैरेट का था,  उसके बाद हिरे को महारानी विक्टोरिया के अधीन सोंपा गया परंतु  यह हिरे का प्रकाश उतना प्रभावी नही दिखाई देता था जिसकी वजह से महारानी काफी  निराश हो गई इसीलिए महारनी ने इसे न्य एक नया स्वरूप प्रदान करने की ठानी 

सन 1852 में ब्रिटेन की महारानी के आज्ञा नुसार मिस्टर केंटर नामक जोहरी को हिरे को तराशने दिया , उसने इसे काट कर 105.6 केरेट का बना दिया ,और इसे महारानी के मुकुट में जडवादिया , इसके पहले यह हिरा कभी काटा नही गया था , कहते है  इस प्रयोग को करने वाली प्रथम  महारानी अलेक्जेंड्रिया थी 


जानिए कोहिनूर हिरा किनके पास से होकर आगे गुजरता चला गया 


# कोहिनूर का इतिहास    कोहिनूर हिरा की पूरी कहानी  (Kohinoor Diamond History) 


हीरे का  बहुत पुराना इतिहास है। करीब  5000 साल पहले, हीरे का पहली बार संस्कृत में उल्लेख किया गया था। इसे संस्कृत में "स्यामंतक" के रूप में जाना जाता है। सबसे पहले, यह 13 वीं शताब्दी का सबसे पुराना हीरा था। सन 1304 में मालवा के राजा की देखरेख  में यह प्राचीनतम हिरा था।


फिर 1339 में, इस हीरे को लगभग 300 वर्षों तक समरकंद शहर में रखा गया था। उस समय, हीरे के बारे में एक बहुत ही रोचक और अंधविश्वासी कथन कुछ वर्षों से हिंदी साहित्य में प्रचलित था। कथन के अनुसार, जो कोई भी पुरुष इस हीरे को पहनता है, वह शापित होगा और कई दोषों से घेरा जायेगा । इस श्राप के अनुसार, जो व्यक्ति हीरा पहनता है वह सभी प्रकार के दुर्भाग्य के लिए जाना जायेगा । केवल  औरत और भगवान ही इस  कोहिनूर हिरे को पेहेन  सकते  है, जो हिरे के सभी दोषों से दूर रह सकते है।


कोहिनूर पर कई मुगल शासकों का शासन रहा । यह हीरा 14 वीं शताब्दी में दिल्ली के शासक अलाउद्दीन खिलजी के अधिकार में रहा। फिर, 1526 में, मुगल शासक बाबर ने अपने लेख "बाबरनामा" में हीरे का जिक्र करते हुए कहा कि यह उसे सुल्तान "इब्राहिम लोधी" द्वारा भेट स्वरूप दिया गया था। उन्होंने इसे "बाबर का हीरा" कहा।


बाबर के उत्तराधिकारी औरंगजेब और हुमायूं ने राज्य के इस बहुमूल्य हीरे के उपहार को बरकरार रखा और अपने वंशज (औरंगजेब के पोते) मुहम्मद को सौप  दिया। औरंगजेब उसे लाहौर की बादशाही मस्जिद में ले गया। सुल्तान मुहम्मद एक बहुत बहादुर और कुशल शासक थे। इन्होने कई राज्यों को अपने अधीन कर लिया था।


सन 1739  में सुल्तान मुहम्मद को परसिया के राजा नादिर शाह ने हरा दिया और उनके राज्य पर कब्ज़ा किया , उसी वक्त नादिर शाह ने इस बेशकीमती अमूल्य हिरे का नाम "कोहिनूर" रख दिया, और कई सालो तक इसे अपने पास रखा लेकिन 1747 में राजनीतिक लढाई में नादिर शाह की हत्या कर दी और इस अमूल्य हिरे को जनरल अहमद शाह दुर्रानी ने आपनी कैद में कर लिया  


 शाह शुजा दुर्रानी जो, ​​अहमद शाह दुर्रानी के वंशज थे । उन्होंने सन 1813 में कोहिनूर को वापस भारत ले आए। उन्होंने इसे अपने हाथ के कड़े में जडवा दिया और कई दिनों तक पहना। अंत में, शुजा दुर्रानी ने सिख राष्ट्र के संस्थापक राजा रणजीत सिंह को कोहिनूर सौंप दिया। इस बहुमूल्य उपहार के बदले में, राजा रंजीत सिंह ने शाह शुजा दुर्रानी को अफगानिस्तान में लड़ने और सिंहासन हासिल करने में मदद की।


कुछ ही साल  बाद भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ ब्रिटिश का आगमन हुआ  और सन 1849 में  राजा रंजीत सिंह को ब्रिटीश फोर्स ने हराया और उनके संपत्ति पर कब्ज़ा कर लिया , उसके बाद ब्रिटिश सरकार ने कोहिनूर हिरे को इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया को सौप दिया गया 


कोहिनूर हिरा  के कुछ रोचक तथ्य पढ़े  ( Some Amazing Fact About Kohinoor Diamond )


# कोहिनूर को लेकर मचा बवाल ( Debate for Kohinoor Diamond )


कई देशों ने कोहिनूर पर अपने अधिकारों का दावा किया है। भारत का दावा है कि कोहिनूर भारत का है, जिसे गलती से अंग्रेजों ने लूट लिया था, जबकि ब्रिटिश सरकार का कहना है कि रणजीत सिंह ने लाहौर शांति संधि के दौरान कोहिनूर को अंग्रेजों को उपहार के रूप में दिया था।


1947 में भारत की स्वतंत्रता के समय से, भारत ने कोहिनूर को वापस लाने की वकायद शुरू कर दी थी। इसके बाद, 1953 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के राज्याभिषेक के दौरान, भारत ने कोहिनूर की मांग की, लेकिन हर बार ब्रिटिश सरकार ने कोहिनूर पर अंग्रेजों के अधिकार की घोषणा करने में सभी भारतीय वकायद  को खारिज कर दिया।


भारत के साथ-साथ पाकिस्तान भी कोहिनूर पर दावा करने की सूची में है। 1976 में, पाकिस्तान ने कोहिनूर पर दावा किया और ब्रिटिश सरकार को कोहिनूर वापस पाकिस्तान भेजने के लिए कहा। इसके जवाब में, तत्कालीन ब्रिटिश प्रधान मंत्री जेम्स कैलाघन ने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधान मंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो को लिखा कि "कोहिनूर 1849 में लाहौर शांति संधि के तहत महाराजा रणजीत सिंह द्वारा ब्रिटिश सरकार को सौंप दिया गया था।" और फिर पाकिस्तान ब्रिटिश क्वीन कोहिनूर नहीं दे सकता है "


सन 2000 में भारतीय सदन ने कई बार कोहिनूर पर भारत का अधिकार होने का दावा करते हुए ब्रिटिश सरकार पर यह आरोप लगाया की , इस कोहिनूर हिरे को ब्रिटिश सरकार ने अनैतिक तरीके से प्राप्त किया है 


सन 2010 में भारत के साथ साथ तालिबान भी हिरे की मांग करने लगा, इसपर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड केमरून ने कहा "अगर ब्रिटिश सरकार सभी देश के दावे को सही मानती जाएगी और अमूल्य वस्तुए लौटाती रहेगी तो एक दिन ब्रिटिश संग्रालय खली हो जायेगा" फरवरी सन 2013 में भारत का दौरा करते वक्त उन्होंने  कोहिनूर हिरा लौटानेसे साफ मना कर  दिया 


कोहिनूर का मुद्दा आज भी चर्चे में बना हुआ है , दोनों देश की सरकारे कोहिनूर की सही फैसले के लिए आज भी लढ रही है  

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उम्मीद करता हु दोस्तों आपको  ये | जानिए आखिर कोहिनूर हिरा इतना मंहगा क्यों है हिंदी में  | Kohinoor Diamond History Hindi - Runhistory | छोटीसी जानकारी पसंद आई होगी. 

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