लकवा ठीक कैसे करे । Treatment of Paralysis In Hindi information

लकवा यह एक ऐसी बीमारी है जिससे इंसान शरीर का नियंत्रण खो बैठता है. बताने का तात्पर्य यह है की लकवा बीमारी शरीर की मासपेशीया और ताकत को नुकसान पहुचता है जिससे शरीर को हलचल तथा नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है. लकवा को इंग्लिश  में पैरालिसिस  (Paralysis) कहते है और हिंदी में Paralysis Meaning In Hindi  पक्षाघात के नाम से जाना जाता है. यह बीमारी ज्यादातर तंत्रिका कोशिका (Nerve Cell) पर ज्यादा प्रभाव करती है. तंत्रिका कोशिका यह यह शरीर की वो कोशिका है जो शरीर के हिस्से को शरीर के मस्तिष तक जोड़ने का तथा मस्तिष के आद्या का पालन करती है. ज्यादातर लकवा का प्रभाव शरीर के आधे हिस्से पर होता है. आज इस पोस्ट Treatment of Paralysis In Hindi information के माध्यम से जानिए लकवा ठीक कैसे करे, लकवे के लक्षण, लकवे का कारन, पैरालिसिस के उपचार, पैरालिसिस के लक्षण, लकवे के प्रकार आदि. तो आइये जानते है लकवे के कितने प्रकार है.


    लकवे के प्रकार । Types Of Paralysis In Hindi

    आंशिक लकवा  (Partial) :- शरीर पर लकवे का प्रभाव होकर भी यदि शरीर की मांसपेशियों पर आपका नियत्रण होना इसे आंशिक लकवा कहा जाता है. यह लकवे की शुरुवाती स्थिति मणि जाती है.

    अर्ध लकवा (Hemiplegia ) :- यह लकवे से शरीर दो हिस्सों में बाटा जाता है. जिसपर आधा नियंत्रण मानव कर सकता है और बचा हुआ आधा शरीर जखड जाता है. यह लकवा अर्ध शरीर को प्रभावित करता है जैसे को आधा मस्तिष, एक पैर, एक हाथ.  इस अवस्था के पीड़ित मरीज को अर्ध लकवा कहते है.

    पूर्ण लकवा (Complete) :- यह लकवा शरीर को बहुत बुरी तरह से प्रभावित करता है.  इस प्रभाव के चलते शरीर की मासपेशीया सुकुड जाती है और मनुष्य पूरी तरह से  मांसपेशियों पर का नियंत्रण खो बैठता है. 

    अस्थायी (Temporary) :- लकवा होने के बाजवूद अगर कोई व्यक्ति शरीर की मांसपेशियों पर नियत्रण वापस पता है तो उसे अस्थायी लकवा कहते है. 

    स्थायी लकवा (Permanent) :- स्थायी लकवा यह लकवे का सबसे खतरना प्रकार होता है. इस प्रकार के लकवे में मासपेशीया कठोर हो जाती है तथा शरीर में अजीब तरह से ऐंठन जैसी घुमने लगती है और  शरीर में  मासपेशीयों  का  नियंत्रण वापस आना कठीन हो जाता है.

    इसके आलावा लकवे के कई अन्य प्रकार है (Treatment of Paralysis In Hindi information)

    मोनोपलेजिया (Monoplegia) :- यह लकवा शरीर के किसी भी एक अंग को नुकसान पहुचाती है. जैसे एक कान, एक हाथ तथा एक पैर.

    डिप्लेजिया (Diplegia) :-  यह लकवा शरीर  के एक अंग के दोनों बाजु प्रभावित करता है जैसे , दोनों हाथ, दोनों पैर तथा पूर्ण चेहरा. 

    क्वाड्रीप्लेजिया (Quadriplegia) :-  यह लकवा शरीर में गर्दन के निचे के हिस्सों को प्रभावित करता है जैसे ह्रदय, फेफड़े, लीवर और आदि अन्य अंगो को प्रभावित करता है. 


    पैरालिसिस बीमारी कैसे होती है । How does paralysis disease occur

    ब्रेन में ब्लॉकेज, तथा खून का जमना इसके अलावा नस का फटना आदि चीजों से ब्रेन स्ट्रोक आता है जिससे पैरालिसिस का खतरा बढ़ जाता है. पैरालिसिस से होने वाले दुष्प्रभाव इस बात से निर्भर करता है की ब्रेन के कितने बड़े हिस्से पर नुकसान पहुंचा है. 

     हमारे मस्तिष्क के दो भाग होते हैं दाया और बाया.  मस्तिष्क का दायां हिस्सा शरीर के बाएं हिस्से को नियंत्रित करता है और मस्तिष्क का बायां हिस्सा शरीर के दाएं हिस्से को नियंत्रित करता है. 

    यदि किसी मनुष्य के दाएं ब्रेन में स्ट्रोक आता है तो शरीर का बायां हिस्सा काम करना बंद कर देता है  और यदि मनुष्य के बाय ब्रेन में स्ट्रोक आता है तो शरीर का दायां हिस्सा काम करना बंद कर देता है

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    लकवा होने के कारण । Paralysis Causes in Hindi 

    आजकल की स्ट्रेसफुल लाइफ में अन्य  बीमारियों की तरह लकवा आम इंसान को अपनी गिरफ्त में ले रहा है डॉक्टर के मुताबिक जब मस्तिष्क में रक्त का सही पुरवठा  ना  होने के कारण  उस हिस्से की कोशिका काम करना बंद कर देती है  जिसकी वजह से शरीर एक हिस्सा लकवे के रूप में बाधित हो जाता है.तो आइए जानते हैं पैरालिसिस होने के लक्षण क्या है Reason Of Paralysis Attack In Hindi

    ⇒ स्ट्रोक का खतरा

     ⇒ हाई ब्लड प्रेशर

    ⇒ नस का फटना

    ⇒  ब्रेन ट्यूमर 

    ⇒ रीढ़ की हड्डी में चोट 

    ⇒ डायबिटीज का बढ़ना

    ⇒  हाइपरटेंशन

    ⇒ अधिक मोटापा

    ⇒ शरीर  की कोई नस दब जाने के कारण 

    इन सारी कारणों की वजह से शरीर में स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है जिसकी वजह से शरीर का एक हिस्सा काम करना बंद हो जाता है. मृत कोशिका को फिर से जीवित करना यह संभव है लेकिन समय रहते अगर इसका सही इलाज किया जाए तो  तांत्रिक कोशिका को  मृत होने से पहले कंट्रोल किया जा सकता है इसीलिए समय रहते इन सारी चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.

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    पैरालिसिस के लक्षण । Paralysis Symptoms in Hindi

    लकवा होने का मुख्य लक्षण है शरीर  के किसी अंग में कमजोरी होना. यदि सही समय पर इलाज ना करने के कारण कमजोरी बढ़ जाती हैं और पैरालिसिस का खतरा रहता है तो आइये जानते है. Paralysis Attack Symptoms In Hindi

    हाई ब्लड प्रेशर के कारण पैरालिसिस का खतरा होता है. अक्सर लोग ब्लड प्रेशर की दवाई लेना भूल जाते हैं तथा ब्लड प्रेशर को चेक करना नजरअंदाज कर देते हैं जिसकी वजह से शरीर में मस्तिष्क की नस फटने का खतरा बढ़ जाता है जिसके कारण लोग लकवे का शिकार हो जाते हैं  

    Paralysis Meaning In Hindi

    लकवा मारने से पहले लक्षण हिंदी में  Symptoms Before Paralysis Attack In Hindi  

    शरीर के अंगो का सही तरीके से काम ना होना यह पैरालिसिस की मुख्य लक्षण का लाती है जैसे 

    ⇒ बात करते-करते मुंह का टेढ़ा होना

    ⇒ शरीर के किसी अंग में खून का जम जाना 

    ⇒ मांसपेशियां, जोड़ो तथा हड्डी में परिवर्तन

    ⇒ अचानक बर्ताव में फर्क तथा परिवर्तन 

    ⇒ श्वास,  रक्त प्रवाह  और रोगे की गति में अचानक  बस

    ⇒ हाथ पर से नियंत्रण खो देना 

    ⇒ हाथ तथा पैर का अपने आप काम करना

    ⇒ गाल तथा गर्दन में झनझनाहट जैसी अकड़न का निर्माण होना 


    पैरालिसिस को कैसे ठीक करें। How To Fix Paralysis In Hindi

    पैरालिसिस के चलते अक्सर लोगों को बिस्तर पकड़ने के अलावा कोई साधन नहीं रहता. परंतु पैरालिसिस का उपचार सही समय पर किया जाए तो यह कुछ हद तक जल्दी ठीक हो सकता है. यदि किसी व्यक्ति को पैरालिसिस हो जाता है तो डॉक्टर से सलाह लेते रहे और  इन चीजों का जरूर ध्यान रखें, तो आइए जानते हैं  लकवा को कैसे ठीक किया जा सकता है .पैरालिसिस का इलाज करने के लिए निचे दिए गये मुद्दों का पालन करे.

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    ⇒ मांसपेशी और नसों को उत्तेजित करने के लिए शारीरिक थेरेपी  (Paralysis Exercise Equipments )

    ⇒ तेल से मालिश  करें (Paralysis Massage Oil) 

    ⇒ रोजाना शरीर का नियमित व्यायाम (Paralysis Yogasan)

    ⇒ ब्लड प्रेशर  नियंत्रित रखना

    ⇒ कोलेस्ट्रोल नियंत्रित रखना

    ⇒ शुगर नियमित कंट्रोल में रखें

    ⇒ चिंता मुक्त रहना

    ⇒ हर 2 घंटे में करवट बदलते रहना

    ⇒ मरीज को व्हील चेयर से सैर कराएं जिससे मस्तिष्क को  तरोताजा  रहने में मदद मिलेगी

     इसके अलावा यदि  घर में किसी व्यक्ति को  लकवा होने के लक्षण  की संभावना नजर आती है तो वे जल्द से जल्द डॉक्टर की  सलाह ले और उपचार शुरू करें


    (Treatment of Paralysis In Hindi information)

     पैरालिसिस के लिए आयुर्वेदिक उपचार। Paralysis Treatment In Ayurveda In Hindi

    पक्षाघात  तथा पैरालिसिस पर आयुर्वेदिक उपचार भी किए जाते हैं यदि किसी व्यक्ति को पैरालिसिस होने के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत अनुलोम विलोम योगासन करें यह योगासन दिन में दो बार करने से पैरालिसिस का खतरा दूर हो जाता है. इसके अलावा भस्त्रिका, कपालभाति, उज्जाई, उद्दगीत और  भ्रामरी  आदि प्राणायाम भी कर सकते हैं.

    आयुर्वेद में पैरालिसिस के इलाज  के लिए आप पतंजलि संस्थान की दवाइयों का सेवन कर सकते हैं जिसमें  एकांगवीर रस,  प्रवाल पिष्टी, मोती पिष्टी,  रसराज रस, गोली मेधा वटी,  त्रयोदशांक  गुग्गुल,  शिलाजीत रसायन,  अश्वगंधा कैप्सूल आदि औषधि उपलब्ध है. 

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    Acupressure Points For Paralysis In Hindi । पक्षाघात के लिए एक्यूप्रेशर अंक

    लकवा ठीक कैसे करे अक्सर यह सवाल सभी के मन में आता है. लेकिन क्या आपको पता है  पैरालिसिस जैसी बीमारी एक्यूप्रेशर से नियंत्रित की जा सकती है,  इसके लिए शरीर में जिस तरफ पैरालिसिस हुआ है उस तरफ के हाथ के  रिंग फिंगर की ऊँगली के उपरी भाग को दबाये, इसके आलावा हाथ और पैर की चैनेल्स को दबाये. जैसा की निचे चित्र दिखाई दिया है. यह कार्य दिन में दो बार करने से  शरीर के अंग के आखरी कोने तक ब्लड सर्कुलेशन उचित गति से होने में मदत मिलती है और लकवे जैसी बीमारी  से बचा जा सकता है. 

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    Paralysis vs Brain Stroke in hindi । ब्रेन स्ट्रोक क्या होता है 

    ब्रेन स्ट्रोक के आने से ही पैरालिसिस होता है, इसीलिए इसे पैरालिसिस ब्रेन अटैक कहा जाता है आइए जानते हैं ब्रेन स्ट्रोक के बारे में Paralysis Brain Stroke Hindi Information

    जैसा कि हम सभी जानते हैं ब्रेन शरीर के विभिन्न अंगों को नियंत्रित करता है, परंतु जब मस्तिष्क (Brain) में ब्लड क्लोटिंग होता है  तथा खून का थक्का जमा होता है जिसकी वजह से ब्रेन में  ब्लॉकेज निर्माण होते हैं  और  इससे खून का प्रभाव रुक जाता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है और इसी के चलते फिर के कुछ  अंग के हिस्से काम करना बंद कर देते हैं. जिसे हम पैरालिसिस कहते हैं

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    लोगो द्वारा पूछे गये पैरालिसिस सम्बंधित सवाल जवाब। Question And Answers About Paralysis


    Q. लकवा में क्या खाना चाहिए ? Paralysis Food Chart In Hindi 

    Ans :- दही, दूध तथा सभी प्रकार के फल इसके अलावा मांस मच्छी, अंडा ,फाइबर उत्पाद जैसे चावल, ब्रेड, पास्ता, ओअट्स, सभी तरह का अनाज ,हरी सब्जीयाँ,  सोयाबीन, फल्ली  का दाना आदि का सेवन कर  सकते है. 


    Q. लकवा का देसी इलाज क्या है ?

    Ans :- लकवा रोग ठीक करने के लिए मरीज के पेट पर देसी गीली मिटटी का लेप कपडे में बांधे. यह कार्य हफ्ते में 3 दिन करे इसके करने से शरीर में खून का प्रवाह बना रहेगा और कुछ ही दिनों के अंदर लकवा पूरी तरह से ठीक हो जायेगा.


    Q. पैरालिसिस किस विटामिन की कमी से होता है ? 

    Ans :- विटामिंस  हमारे शरीर के लिए ऊर्जा तथा पोषक तत्व प्रदान करते हैं और  इनका सेवन कई तरह के खाद्य पदार्थों से प्राप्त किए जा सकते हैं.  आपकी जानकारी के लिए बता दें विटामिंस की कमी से पैरालिसिस नहीं होता है. पैरालिसिस  उन व्यक्ति के लिए खतरा है जो अधिकतम तनाव में रहते हैं,  जो बीपी और शुगर जैसी समस्याओं को नजरअंदाज करते हैं,  और मोटापा  तथा हाय कोलस्ट्रोल  से पीड़ित है.

     

    आज हमने क्या सिखा 

    लकवा यह एक बहुत खतरनाक बीमारी है, इसीलिए खान-पान का घ्यान रखे इसके आलावा शुगर, ब्लड प्रेशर (BP), कोलेस्ट्रोल आदि की नियमित रीप से जाच करे तथा नियंत्रित रखे जिसके चलते हमे किसी बीमारी का खतरा दूर रखने में मदत मिलती है.

    यदि आपको तथा घर के किसी भी सदस्य को पैरालिसिस लकवा तथा पक्षघात की लक्षण नज़र आये तो तुरंत ही डॉक्टर से इलाज करे और इसके बाद में घरेलू उपचार शुरू करे. 

    क्यों की  शरीर ही संपत्ति है । Health Is Wealth 

    उम्मीद करता हु दोस्त हमारा लिखा गया यह पोस्ट "लकवा ठीक कैसे करे । Paralysis Meaning In Hindi" आपको पसंद आया होगा