हार्ट का ऑपरेशन कैसे होता है। हार्ट सर्जरी के प्रकार और सावधानियां  Open Heart Surgery In Hindi

शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक बढ़ने से हार्ट की बीमारियां उत्पन्न  होती है, जैसे  हार्ट में खून का जमना, दिल में छेद  होना, दिल की धड़कन कम होना,  हार्ट में दर्द होना आदि। यदि  हार्ट की धमनियां (Arteries) में  खून जमने की शुरुआत होती है, ऐसे में एंजो प्लास्टिक करना बेहतर विकल्प पाया जाता है। परंतु यदि ब्लॉकेज बढ़ जाते हैं तो  शरीर में हार्ट को ऑक्सीजन युक्त खून  पहुंचाने वाली नलियों में ब्लॉकेज निर्माण होने के कारण  हार्ट अटैक आने की संभावना बढ़ जाती है, ऐसे में मरीज को  हार्ट की बाईपास सर्जरी द्वारा ठीक किया जाता है। इसे ओपन हार्ट सर्जरी भी कहते हैं। खून की नालियों में  ब्लॉकेज को ठीक करने के लिए हार्ट का ऑपरेशन किया जाता है जिसके कारण  हार्ट में खून का प्रवाह नियंत्रित गति से चलने लगता है। अक्सर लोग हार्ट का ऑपरेशन कैसे होता है  तथा open heart surgery  कैसे होती है  इस बात से परेशान रहते हैं। आज हम इस पोस्ट के माध्यम से heart ka operation kaise hota hai, हार्ट ऑपरेशन के प्रकार, बाईपास सर्जरी का खर्च, हार्ट सर्जरी के बाद सावधानियां आदि प्रकार  की जानकारी देंगे। तो आइए जानते हैं हार्ट का ऑपरेशन कैसे किया जाता है

    हार्ट का ऑपरेशन कैसे होता है, heart ka operation kaise hota hai
    हार्ट का ऑपरेशन कैसे होता है

    हार्ट का ऑपरेशन कैसे होता है

    ज्यादातर लोग हार्ट का ऑपरेशन कैसे होता है इस बात से घबराने लगते हैं। हार्ट की ब्लॉकेज ठीक करने के लिए हार्ट का ऑपरेशन किया जाता है, जिसे  बाईपास सर्जरी कहते हैं।  यह ऑपरेशन की एक आधुनिक तकनीक है जिसे हार्ट अटैक के इलाज के लिए किया जाता है। हार्ट को ऑक्सिजनेटेड ब्लड  पहुंचाना  यह बाईपास सर्जरी  करने का उद्देश्य होता है। इस बाईपास सर्जरी को करने के लिए  बायपास ग्राफ्ट(bypass Graft)  का इस्तेमाल किया जाता है। बायपास ग्राफ्ट यह खून की  छोटी सी  नली को कहते है। यदि  हार्ट में ब्लॉकेज ज्यादा हो तो  इस छोटी सी नली को निकाला जाता है और  दूसरी नली को (कृत्रिम / Artificial) लगाया जाता है, जिसकी मदद से खून को हार्ट तक पहुंचने में आसानी होती है।  इस पास मार्ग  (Bypass Root)  को बनाने के लिए जमे हुए खून की नली के  शुरवाती सिरे को बाईपास क्राफ्ट की मदद से हार्ट को जोड़ते है, कहां की रुका हुआ खून बाईपास करते हुए हाल तक  पहुंचा जा सके। जिससे हार्ट अटैक से होने वाले  नुकसान को रोका जाता है। 


    हार्ट ऑपरेशन के प्रकार। heart operation types in hindi

    अभी आपने हार्ट का ऑपरेशन कैसे होता है इसके बारे में जाना। परंतु हार्ट की बीमारी या कई प्रकार की होती है, जैसे   हार्ट ब्लॉकेज,  सांस लेने में तकलीफ, हार्ट में खून का जमना,  दिल में छेद,  हार्ट की धड़कन कम होना  आदि हार्ट की बीमारी के अनुसार  हार्ट का ऑपरेशन किया जाता है। हार्ट की विभिन्न ना बीमारी के अनुसार हार्ट के  विभिन्न ऑपरेशन होते हैं। तो आइए जानते हैं हार्ट ऑपरेशन के प्रकार के बारे में विस्तार से। Heart Operation Types In Hindi


    1. कोरोनरी आर्टरी बायपास ग्राफ्टिंग (Coronary artery bypass grafting) CABG

    हार्ट के बीमार मरीज को अक्सर  खून जमने की बीमारी देखी जाती है।  यदि खून की नली ओं में ब्लॉकेज कम है तो  दवाई से  ठीक होने की संभावना होती है परंतु यदि  हार्ट में ब्लॉकेज की मात्रा अधिक है तो  और कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग  यह  हार्ट की सर्जरी  की जाती है।  इस सर्जरी में कृत्रिम रूप से छोटी सी नली  के द्वारा  खून को हार्ड तक पहुंचाया जाता है  ताकि  हार्ट को नुकसान होने से बचाया जा सके।


    2. हार्ट वाल्व रिपेयर तथा रिप्लेसमेंट (Heart valve repair or replacement)

    इस सर्जरी को TAVR (Transcatheter aortic valve replacement) भी  कहते हैं। हार्ट के दाएं तरफ दो वॉल  होते हैं, जो हार्ट के दाई तरफ खून के  प्रवाह को  नियंत्रित करता है। एक उसी तरह हार्ट के बाई तरफ  एओर्टिक  वॉल (Aortic Valve)  पूरे शरीर को  ऑक्सिजनेटेड ब्लड की आपूर्ति करता है। अक्सर शरीर में कैल्शियम की कमी  होने से   आर्ट वॉल   ठीक तरीके से काम नहीं कर पाते  जिसके कारण  शरीर में खून की पूर्ति नहीं हो पाती। ऐसी स्थिति में  परिस्थिति के अनुसार  हार्ट वाल्व को रिपेयर  किया जाता है परंतु इसके अलावा  हार्ट की  गंभीर समस्या में हार्ट वाल्व रिप्लेसमेंट किया जाता है  जिसमें  धातु का बना हुआ (Metal valve) तथा  प्राणियों के हार्ट वॉल द्वारा मरीज के हार्ट वाल्व को  बदला जाता है।


    3. हार्ट में पीसमेकर लगाना (Insertion of a pacemaker)

    अक्सर बढ़ती उम्र के साथ साथ हार्ड का पंपिंग प्रेशर कम हो जाता है और दिल का दाब कम हो जाता है, जिसके कारण  शरीर के रक्त धमनियों में खून  की आपूर्ति ठीक से नहीं हो पाती।  ऐसे में दिमाग को उचित खून न मिलने के कारन पीड़ित व्यक्ति को बार-बार चक्कर आना शुरू होता है। ऐसे में हार्ट का ऑपरेशन कैसे होता है यह समस्या आती है। परंतु आपको बता दें इस प्रकार की समस्या में  Insertion of a pacemaker  ( इंसर्शन ऑफ़ पेसमेकर) यहां ऑपरेशन किया जाता है,  इस ऑपरेशन के दौरान  शरीर में पेसमेकर का इस्तेमाल किया जाता है जो दिल की धड़कन को बढ़ाने में मदद करता है और उचित  दाब  से  शरीर में खून की पूर्ति करता है। पेसमेकर यह एक छोटा सा डिवाइस होता है जो दिल की धड़कन को कंट्रोल में रखता है।


     4. हार्ट एंजियोप्लास्टी (Heart Angioplasty)

    शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक बढ़ने के कारण  खून की धमनियों में  ब्लड क्लॉटिंग होता है  जिसके कारण  हृदय को खून का प्रवाह  एक तरीके से नहीं हो पाता। इस दौरान  शरीर में नस (धमनियों ) के माध्यम से  कैथेटर (Catheter) को  हार्ट तक  डाला जाता है।  कैथेटर (Catheter)  यह एक प्रकार की  पतली नली होती है  जिसके अंदर से एंजियोग्राफी द्वारा  ब्लॉकेज को ढूंढा जाता है और उसमें  बारीक तार की सहायता से  ब्लड क्लॉटिंग के भाग में  बैलून को फुगाकर छल्ले को डाला जाता है जिसके कारण  खून की धमनी चौड़ी होती जाती है  और ब्लड  को  निश्चित रूप से हार्ट तक पहुंचने में मदद मिलती है जैसा कि उपर चित्र में बताया गया है।


    5. हृदय को बदलना  (Heart Transplant)

    यदि पीड़ित मरीज  के हृदय की समस्या  बहुत गंभीर हो जाती है तथा हार्ट  को  किसी अन्य ऑपरेशन द्वारा ठीक नहीं  नहीं किया जा सकता है  उस दौरान हार्ट ट्रांसप्लांट (Heart Transplant)  यह ऑपरेशन किया जाता है। इस ऑपरेशन में किसी अन्य गुजरे हुए व्यक्ति का हृदय निकालकर  पीड़ित मरीज के हृदय से  बदला जाता है। हार्ट सर्जरी का यह सबसे कठिन ऑपरेशन होता है। इस सर्जरी की संभावना  बहुत कम लोगों में पाई गई है। 


    हार्ट सर्जरी के बाद क्या  खाएं और क्या न  खाएं

    हार्ट का ऑपरेशन कैसे होता है यह जानने के बाद दिल की  बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को खान पान पर ध्यान देना बेहद जरुरी होता है। तथा  दिल की बाईपास रोगियों के लिए प्रोटीन से भरा हुआ अच्छा आहार लेना बहुत जरूरी होता है। हार्ट सर्जरी के बाद क्या खाएं और क्या ना खाएं  इसकी जानकारी होना बेहद आवश्यक है। हार्ट सर्जरी के बाद  प्रोटीन से भरे फल और सब्जियों का सेवन जरूर करें जैसे अंडा,  मछली,  सोयाबीन, ड्राई फ्रूट्स  आदि चीजों का सेवन करें। इसके अलावा ध्यान रहे अधिक मात्रा में वसा, शुगर,  साल्ट, कोलेस्ट्रोल,  सोडियम आदि वाले पदार्थों का सेवन ना करें। हृदय  के स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए  नीचे बताई गई सावधानियों का पालन करें।

    सेहत कैसे बनाये 

    हार्ट सर्जरी के बाद यह सावधानियां ध्यान में रखे

    यदि किसी व्यक्ति का हृदय का ऑपरेशन हुआ है तो नीचे बताई गई हार्ट सर्जरी के बाद सावधानियों का पालन जरूर करें ताकि ऑपरेशन होने के बाद जल्द से जल्द ठीक होने में मदद मिल सके और हृदय को किसी प्रकार से होने वाले नुकसान से बचाया  जा सके।

    •  धूम्रपान,  तंबाकू आदि चीजों का सेवन ना करें।
    •  ब्लड प्रेशर चेक करें और कंट्रोल में रखें।
    •  शुगर लेवल  नियमित रूप से चेक करें और नियंत्रित रखें।
    • कोलेस्ट्रोल बढ़ने से रोकने के लिए डॉक्टर की दवाइयों का सेवन करें। 
    •  हार्ट सर्जरी के बाद  एक महीना  जिम जाना बंद करें।
    • रोज सुबह योगा क्लासेस  तथा ध्यान करके दिमाग को तनाव मुक्त रखने की कोशिश करें।
    • हाई कोलेस्ट्रॉल, हाय फैट , अधिक शुगर वाले पदार्थों का सेवन ना करें।



    हार्ट का ऑपरेशन सम्बंधित लोगो द्वारा पूछे गये सवाल जवाब 

    FAQ

    Q1. दिल की बाईपास सर्जरी के बाद व्यायाम 

    हार्ट ऑपरेशन के 3 दिन बाद  रोज 20 से 25 मिनट  चलते हुए सैर करें और लगभग  15 दिन बाद जॉगिंग शुरू करें जिससे आपके हृदय का स्वास्थ्य अच्छा रहने में मदद मिलती है।  इसके अलावा ध्यान तथा योगा क्लासेस ज्वाइन करें।  किसी भी हार्ट ऑपरेशन के बाद  एक से डेढ़ महीना जिम ना जाए  इस बात का ध्यान रखें। 

    Q2. हार्ट ऑपरेशन में कितना खर्चा आता है?

    हार्ट ऑपरेशन का पूरा खर्चा  हार्ट की  होने वाली  सर्जरी पर निर्भर करता है।  हार्ट की अलग-अलग बीमारी के अनुसार  विभिन्न प्रकार के ऑपरेशन किए जाते हैं  जैसे कि  बाईपास सर्जरी,  पेसमेकर  इंसर्शन, एंजो प्लास्टिक  सर्जरी,  वाल्व  रिपेयर तथा रिप्लेसमेंट  आदि प्रकार के ऑपरेशन का खर्च लगभग 1 से 4 लाख  रुपए आता है। 

    Q3. हार्ट में कितने वाल्व होते है?

    हार्ट में चार प्रकार के वाल्व होते है। जिसमें हृदय के दाएं तरफ  2 वाल्व और बाएं तरफ 2 वाल्व होते है। हार्ट की निलय को (चेंबर) खून से भरने के लिए तथा खाली करने के लिए यह वाल्व मदत करते है। 
    1. Tricuspid valve (त्रिकपर्दी वाल्व)
    2. pulmonary Valve 
    3. Mitral valve
    4. Aortic Valve (महाधमनी वाल्व)

    खून दाएं परिकोष्ट से त्रिकपर्दी वाल्व  (Tricuspid valve) की मदद से दाएं निलय में जाता है जिसके बाद Pulmonary Valve से बाये परिकोष्ट में जाता है। बाए परिकोष्ट में Mitral valve से खून का प्रवेश होता है और ऑक्सीजन युक्त ब्लड (शुद्ध खून ) महाधमनी वाल्व (Aortic Valve) से  निकाल कर शरीर में जाता है। 

    Q4. हार्ट में कितने चेंबर होते है ?

    हार्ट में कुल 4 चेंबर होते हैं। हृदय के ऊपरी भाग में 2 चेंबर  होते हैं ,जिसे दायां परिकोष्ट  और बायां परिकोष्ट (Left atrium and Right Atrium) कहा जाता है। उसी प्रकार हृदय के निचले हिस्से में 2 चेंबर  होते है जिसे दायां  निलय और बायां निलय  (Left ventricle and right ventricle)  कहते हैं। यहां हार्ट चेंबर शरीर के खून में ऑक्सीजन की पूर्ति करते हैं जिसे ऑक्सिजनेटेड ब्लड कहते हैं। 

    आज हमने क्या सीखा?


     जैसा कि  आपने  हार्ट ऑपरेशन के प्रकार और हार्ट का ऑपरेशन कैसे होता है इसके बारे में जानकारी प्राप्त की।  हृदय  के स्वास्थ्य को अच्छा रखने के  हाई कोलेस्ट्रॉल वाले पदार्थों का सेवन करना हानिकारक हो सकता है।  इसके अलावा डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर  जैसी बीमारी पर विशेष ध्यान रखें। इस पोस्ट से यह सीख मिलती है कि, यदि  छाती में  दर्द होना, सांस लेने में तकलीफ होना, तथा बार-बार चक्कर आना  आदि इस प्रकार की समस्या आती है  तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें। इसके अलावा यदि हार्ट की परेशानी ज्यादा है  तो, हार्ट के डॉक्टर द्वारा 2D- Echo यह टेस्ट  करें जिससे हार्ट का धड़कना, हार्ट का पंपिंग प्रेशर आदि चीजों का अध्ययन किया जाता है और हार्ट की परेशानी को ठीक तरीके से  समझने में आसानी होती है। 

    उम्मीद करता हूं दोस्तों हमारा लिखा गया यह पोस्ट हार्ट का ऑपरेशन कैसे होता है। हार्ट सर्जरी के प्रकार और सावधानियां । Open Heart Surgery In Hindi आपको जरूर पसंद आया होगा।  हार्ट की बीमारी के बारे में आपकी क्या राय है कमेंट में जरूर बताएं। 

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