भगत सिंह ,भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे प्रभावशाली क्रांतिकारियों में से एक माना जाता है
भगत सिंह का परिचय
Who Was Bhagat Singh Information In hindi
जानिए भगत सिंह कोण थे ....??? "भगत सिंह भारत देश के
महान सेनानी क्रान्तिकारी थे "
पिता किशन सिंह और माता विद्यावती का पुत्र भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर 1907 को
लाय्पुर जिले के बंगा में हुआ था , (यह क्षेत्र अभी पाकिस्तान में है ) । भगत
सिंह एक आर्य - समाजी सिख परिवार से थे। भगत सिंह लाला लजपत राय और सिंह सारभा
से अत्यधिक प्रभावित रहे।
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भगत सिंह का बचपन
कहते है "।बेटे के पाव पलने में दिखते है।"
जब भगत सिंह 5 वर्ष के थे तो उनके खेल भी अनोखे थे . भगत सिंह अपने मित्रो को दो
टोलियों में बाट देता था और वह एक-दुसरेसे आक्रमण करे युद्ध का अभ्यास क्या करते
थे .भगत सिंह के हर कम में उसके वीर ,धीर और निर्भय होने का साहस मिलता था
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भगत सिंह के मन में क्रान्तिकारी की आग कैसे लगी
13 अप्रैल 1919 का जलियांवाला बाग हत्याकांड ,जिसमे जनरल डायर ने हजारो लोगो पर
अंधाधुंध गोलियों से ,मासुम लोगो की हत्या करी थी , इसी हत्याकांड ने बाल
भगत सिंह के मन पर गेहरा प्रभाव डाला , और उनका मन देश को स्वतंत्र करने की
ओर सोचने लगा . और उनोहने चंद्रशेखर आज़ाद से मिलकर क्रान्तिकारी संगठन तैयार
किया, लाहौर के नेशनल कॉलेज़ की पढ़ाई छोड़कर भगत सिंह ने 1920 में भगत सिंह
महात्मा गांधी द्वारा चलाए जा रहे अहिंसा आंदोलन में भाग लेने लगे, जिसमें गांधी
जी विदेशी समानों का बहिष्कार कर रहे थे।
जानिए भगतसिंह के जीवन के 23 साल के किस्से
# 14 वर्ष की आयु में ही भगत सिंह ने सरकारी स्कूलों की पुस्तकें और
कपड़े जला दिए। इसके बाद इनके पोस्टर गांवों में छपने लगे।
# काकोरी कांड
भगत सिंह पहले महात्मा गांधी द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन और भारतीय नेशनल
कॉन्फ्रेंस के सदस्य थे। 1921 में जब चौरा-चौरा हत्याकांड के बाद गांधीजी ने
किसानों का साथ नहीं दिया तो भगत सिंह पर उसका गहरा प्रभाव पड़ा। उसके बाद
चन्द्रशेखर आजाद के नेतृत्व में गठित हुई गदर दल के हिस्सा बन गए।
उन्होंने चंद्रशेखर आजाद के साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर
दिया।
9 अगस्त, 1925 को शाहजहांपुर से लखनऊ के लिए चली 8 नंबर डाउन पैसेंजर से काकोरी
नामक छोटे से स्टेशन पर सरकारी खजाने को लूट लिया गया।
यह घटना काकोरी कांड नाम से इतिहास में प्रसिद्ध है।
इस घटना को अंजाम भगत सिंह, रामप्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद और प्रमुख
क्रांतिकारियों ने साथ मिलकर अंजाम दिया था।
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भगत सिंह ने राजगुरु के साथ मिलकर 17 दिसंबर 1928 को लाहौर में सहायक पुलिस
अधीक्षक रहे अंग्रेज़ अफसर जेपी सांडर्स को मारा था। इसमें चन्द्रशेखर आज़ाद ने
उनकी पूरी सहायता की थी।
# सेंट्रल असेंबली में बम फेकना
क्रांतिकारी साथी बटुकेश्वर दत्त के और भगत सिंह ने साथ मिलकर अलीपुर रोड
दिल्ली स्थित ब्रिटिश भारत की तत्कालीन सेंट्रल असेंबली के सभागार में 8 अप्रैल
1929 को अंग्रेज़ सरकार को जगाने के लिये बम और पर्चे फेंके थे ( ऐसे स्थान पर बम
फेंका जहाँ कोई मौजूद न था ) । बम फटने के बाद उन्होंने "इंकलाब-जिन्दाबाद,
साम्राज्यवाद-मुर्दाबाद!" के नारे लगाये ,
उसके बाद भगतसिंह और बटुकेश्वर दत्त ने खुद को गिरफ्तार किया था.
central assembly Bomb fire |
फासी ( शहीद दिन )
जेल में भगत सिंह ने करीब दो साल रहे। इस दौरान वे लेख लिखकर अपने क्रांतिकारी
विचार व्यक्त करते रहे , उन्होंने जेल में अंग्रेज़ी में एक लेख भी लिखा जिसका
शीर्षक था 'मैं नास्तिक क्यों हूं'
23 मार्च 1931 को भगत सिंह तथा इनके दो साथियों सुखदेव व राजगुरु को फांसी दे
दी गई। इन महान क्रान्तिकारीयो के याद में यह दिन भारत में "शहीद दिन" के नाम
से जाना जाता है.
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भगतसिंह की यादे
# पाकिस्तान में शादमान चौक का नाम बदलकर "भगत सिंह चौक" किया गया
# कई शहरोमे शहीद क्रन्तिविरो के याद में सरकार ने स्मारक बनवा दिए गये
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उम्मीद करता हु दोस्तों आपको ये छोटीसी
(जानिए भगत सिंह कोण थे। who was Bhagat singh Information Hindi ) जानकारी पसंद आई होगी.
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