लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जीवनी । Lokmanya Bal Gangadhar Tilak Biography Hindi


जानिए इस लेख में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक निबंध, प्रस्तावना, जयंती,भाषण, Speech, Essay, Fact, Information, Quotes, हिंदी में विस्तार से 


बाल गंगाधर तिलक जीवन परिचय (In Short)

1.   पूरा नाम                   :-     केशव गंगाधर तिलक            

2.   जन्म                        :-     23 जुलाई, 1856                

3.   जन्म स्थान                :-     चिक्कन (रत्नागिरी), महाराष्ट्र           

4.   पिता                        :-     गंगाधर, गंगाधर रामचंद्र तिलक                   

5.   माता                        :-     पार्वती बाई                         

6.   पत्नी                         :-      सत्यभामा (1871)                

7.   राजनैतिक पार्टी        :-   इंडियन नेशनल कांग्रेस

8.   मृत्यु                        :-      1 अगस्त 1920 मुंबई                


बाल गंगाधर तिलक का जन्म 23 जुलाई, 1856 को महाराष्ट्र के (रत्नागिरी) कोंकण  क्षेत्र के चिक्कन गाँव में हुआ था। तिलक  के पिता का नाम गंगाधर रामचंद्र तिलक था और  वेह एक धर्मनिष्ठ ब्राह्मण थे।

बाल गंगाधर तिलक को उनकी कड़ी मेहनत के कारण स्कूल के प्रतिभाशाली छात्रों में गिना जाता था। पढ़ने के अलावा, वह हर दिन नियमित रूप से व्यायाम करते थे, इसलिए उनकी  सेहत और शरीर स्वस्थ और पुष्ट था।

1879 में, उन्होंने अपने बी.ए. और उन्होंने कानून की परीक्षा पास की। तिलक के  परिवार वाले और मित्र चाहते थे की वे वकालत करके धन कमाये और अपने वंश का गौराव आगे बढाये , लेकिन तिलक ने शुरू से ही समाज  सेवा करने का संकल्प लिया था।

परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, उन्होंने एक शैक्षिक संस्थान के निर्माण के लिए अपनी पूरी सेवाएं दीं।  उन्होंने साल 1880  को  इंग्लिश स्कूल की स्थापना की और  धीरे धीरे  कुछ साल बाद फर्ग्यूसन कॉलेज की स्थापना की ।

तिलक भारत के  एक समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी प्रमुख नेता थे । उन्होंने पहली बार ब्रिटिश शासन के दौरान पूर्ण स्वतंत्रता (पूर्ण स्वराज ) की मांग उठाई। और  वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लोकप्रिय नेता बन गये । 

बाल गंगाधर तिलक का यह कथन  'स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे स्वीकार करूँगा' बहुत लोकप्रिय हुआ। लोग उन्हें हिंदू राष्ट्रवाद का पिता भी कहते थे । लोग उन्हें सन्मान देते हुए  'लोकमान्य' कहते थे।

लोकमान्य तिलक ने जन जागरूकता कार्यक्रम को पूरा करने के लिए महाराष्ट्र  में शिवाजी उत्सव  और गणेश उत्सव  का आयोजन शुरू किया। इन त्योहारों ने लोगों को देशभक्ति और अंग्रेजो के  अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए लोगो को  प्रेरित किया।

लोकमान्य तिलक  की क्रांतिकारी गतिविधियों के कारण, अंग्रेजों ने उनपर   राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाकर  छह साल  "निर्वासन"  और "देश निकाल" दंड की सजा सुनाई गई और बर्मा की मंडलीय जेल में भेज दिया गया।

इस अवधि के दौरान, तिलक ने गीता का अध्ययन किया और गीता रहीसा नामक एक टीका भी लिखी। जेल से तिलक की रिहाई के बाद, जब उनकी गीता का रहस्य प्रकाशित हुआ, तो उनका उपदेश तूफान की तरह बढ़ गया और जनता उनसे प्रेरीत होकर आन्दोलन के लिए बढ़ावा देती गई ।

लोकमान्य तिलक ने मराठी में दो दैनिक समाचार पत्र 'मराठा और केसरी' शुरू किए, जो बहुत लोकप्रिय हुए। इसमें तिलक ने ब्रिटिश शासन की क्रूरता और भारतीय संस्कृति के प्रति अंग्रेजो की  हीनता की आलोचना की।

उन्होंने मांग की कि ब्रिटिश सरकार संपूर्ण स्वराज को तुरंत भारतीयों को सौंप दे, केसरी के छपनेवाले इस लेख के कारण  उन्हें कई बार जेल भेजा गया।

बाल गंगाधर लोकमान्य  तिलक अपने क्रांतिकारी विचारों के लिए भी जाने जाते थे। ऐसे ही एक भारत का शुर सेनानी पुत्र का   1 अगस्त, 1920 को मधु-मेह और अंग-वात की बीमारी होने  के कारन  मुंबई में निधन हो गया।


# जानिए लोकमान्य बाल गंगाधर तिलकके बारे में कुछ सवाल जवाब 

Some Amazing Question and Answer About Lokmanya Bal Gangadhar Tilak 


1. बाल गंगाधर तिलक के प्रसिद्ध  नारे और राजनीतिक विचार

लोकमान्य तिलक गरम-दल के एक उग्रवादी नेता थे । उनका मनाना था की हमे स्वतंत्र अपने आप नही मिलेगा , हमे अपना हक़ अन्ग्रेजोसे छिनना पड़ेगा.

प्रसिद्ध नारा :-  ( स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर ही रहूँगा )  "स्वराज्य हा माझा जन्मसिद्ध हक्क आहे आणि तो मी मिळवणारच"  


2. बाल गंगाधर तिलक प्रसिद्ध रचना पुस्तके (Bal Gangadhar Tilak books) 

गीता रहस्य – 1915

ओरियन – 1893

दी आर्कटिक होम इन दी वेद – 1903


3. बाल गंगाधर तिलक को लोकमान्य की उपाधि किसने दी

तिलक भारत के  एक समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी प्रमुख नेता थे. तिलक को  "लोकमान्य" उपाधि लोगो द्वारा मिली थी , "लोकमान्य" का अर्थ होता है लोगो द्वारा सयोजित 


4. बाल गंगाधर तिलक के राजनीतिक विचार

लोकमान्य तिलक गरम-दल के एक उग्रवादी नेता थे । उनका मनाना था की हमे स्वतंत्र अपने आप नही मिलेगा , हमे अपना हक़ अन्ग्रेजोसे छिनना पड़ेगा 


5. बाल गंगाधर तिलक का शिक्षण 

पदवी LLB Degree  (1879) Government Law College, Mumbai 


6. बाल गंगाधर तिलक का राजनैतिक गुरु कोण था 

"गोपाल कृष्ण गोखले" को अपना राजनैतिक गुरु मानते थे ,तो कुछ लोगो का कहना है वे "एमजी रानाडे" को गुरु मानते थे  

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उम्मीद करता हु दोस्तों आपको  ये  लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जीवनी । Lokmanya Bal Gangadhar Tilak Biography Hindi | छोटीसी जानकारी पसंद आई होगी. 

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