कंप्यूटर में क्या क्या होता है। 15 Main Parts of Computer in Hindi
आज के आधुनिक यूग तथा मानवी जीवन में कंप्यूटर एक अहम भूमिका निभाता है। लेकिन आज भी कुछ लोग कंप्यूटर से अंजान है। कंप्यूटर सिस्टम क्या है? तथा Computer mein kya kya hota hai? यह सवाल अक्सर लोगो द्वारा पूछा जाता है। इस पोस्ट में कंप्यूटर सिस्टम क्या है, कंप्यूटर में क्या क्या होता है (Parts of Computer in Hindi) और कंप्यूटर के सभी सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर पार्ट्स की जानकारी बताई गई है। कंप्यूटर यह एक मानव निर्मित मशीन है जिसका अविष्कार 1837 में चार्ल्स बैबेज ने किया, हालाँकि बदलते समय के अनुसार कंप्यूटर में कई प्रकार के बदलाव किये गये है जिसकी जानकारी निचे बताई गई है.
Parts of Computer in Hindi |
कंप्यूटर सिस्टम क्या है।
कंप्यूटर सिस्टम यह विभिन्न हार्डवेयर घटकों से बना होता है जिन्हें एक साथ अच्छा प्रदर्शन करने के लिए एकत्रित किया जाता है, ताकि अन्य सॉफ्टवेयर के साथ कंप्यूटर में प्रोग्राम अच्छी तरह से चल सके।कंप्यूटर सॉफ्टवेयर में मुख्य प्राथमिकता ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) को दी जाती है, जो कंप्यूटर पर चलने वाले अन्य प्रोग्रामों को मैनेज करता है जिनसे कंप्यूटर को चलाया जाता है।
कंप्यूटर में क्या क्या होता है? कंप्यूटर सिस्टम में कई प्रकार के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर घटकों का समावेश होता है जैसे मदरबोर्ड, RAM, CD-Drive, BIOS, कूलिंग फैन, हार्ड डिस्क, ग्राफिक्स कार्ड, प्रोसेसर, ICs, मॉनिटर, माउस, की - बोर्ड, UPS, पावर सप्लाई यूनिट आदि सभी कंप्यूटर पार्ट्स के साथ ऑपरेटिंग सिस्टम और अन्य ड्राइवर्स को एकत्रित करके कंप्यूटर को चलाया जाता है जिसे कंप्यूटर सिस्टम करते हैं।
कंप्यूटर में क्या क्या होता है । Computer mein kya kya hota hai
कंप्यूटर में अलग अलग प्रकार के सॉफ्टवेर और हार्डवेयर कॉम्पोनेन्ट का समावेश होता है। हार्डवेयर कॉम्पोनेन्ट को चलाने के लिए ड्राइवर्स की जरूरत होती है जिससे कंप्यूटर को चलाने में आसानी होती है। सरल भाषा में कहा जाये तो हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर एक दूसरे के साथ गणितीय भाषा में बात (interact) करते हैं, जिससे मानव द्वारा इनपुट तौर पर कमांड मिलनेपर आउटपुट प्रदान होता है।
चाहे वह कंप्यूटर (PC), लैपटॉप तथा गेमिंग सिस्टम हो, वर्तमान एक विशिष्ट कंप्यूटर बनाने के लिए 5 मुख्य घटक बेहद महत्वपूर्ण होते हैं:
- मदरबोर्ड
- सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU)
- स्टोरेज: सॉलिड स्टेट ड्राइव (SSD) तथा हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD)
- रैंडम एक्सेस मेमोरी (RAM), जिसे वोलेटाइल मेमोरी भी कहते है
- ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU), जिसे वीडियो कार्ड के नाम से भी जाना जाता है
कंप्यूटर बनाने के लिए यह 5 मुख्य घटक है, परंतु इसके आलावा अन्य कई हार्डवेयर चीजों का उपयोग कंप्यूटर में होता है जिसकी जानकारी निचे बताई गई है।
List software and hardware component used in computer in hindi
कंप्यूटर सिस्टम में मौजूद सॉफ्टवेर और हार्डवेयर कॉम्पोनेन्ट की लिस्ट निचे बताई गई है।
हार्डवेयर कॉम्पोनेन्ट | सॉफ्टवेर & ड्राइवर्स |
---|---|
मदरबोर्ड | ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) |
सीपियु (CPU) | चिप सेट ड्राइवर्स |
RAM | विंडोज ड्राइवर्स |
Hard drive | LAN ड्राइवर्स |
Solid-state drive (SSD) | एप्लीकेशन सॉफ्टवेर (chrome, photo studio..etc) |
Optical drive | यूटिलिटी सॉफ्टवेर |
हीट सिंक | सिस्टम सॉफ्टवेर |
ग्राफ़िक्स प्रोसेसिंग युनिट (GPU) | डिस्प्ले ड्राइवर्स |
(BIOS) | BIOS ड्राइवर्स |
साउंड कार्ड | ऑडियो ड्राइवर्स |
हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD) | प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेर |
पावर सप्लाई यूनिट (PSU) | Row12 - Column 2 |
कूलिंग फैन | - |
ICs मेमोरी | - |
USB फ़्लैश ड्राइव | - |
प्रिंटर | प्रिंटर ड्राइवर्स |
माइक & स्पीकर | HDMI/Audio ड्राइवर्स |
मॉनिटर | ग्राफिक्स ड्राइवर्स |
माउस / टच पैड | टच पैड ड्राइवर्स |
की - बोर्ड | की-बोर्ड ड्राईवर |
सॉफ्टवेर जैसे Google Chrome, Firefox, adobe Reader, VLC player आदि कई प्रकार के साधारण सॉफ्टवेर होते है जिनका इस्तमाल लगभग हर कोई करता है, परन्तु इसके आलावा कुछ अन्य सॉफ्टवेर एप्लीकेशन होते है जिनका उपयोग प्रोफेशनल कामो के लिए किया जाता है जैसे Photoshop, Visual studio, Wondershare filmora, Autocad आदि अन्य डिजाईन और विडियो एडिटिंग सॉफ्टवेर का उपयोग आप कंप्यूटर में जरूरत के अनुसार कर सकते है। हालाँकि उसके लिए कंप्यूटर को स्टोरेज और RAM मेमोरी की उच्च क्षमता होनी जरुरी होती है।
Parts of Computer in Hindi |
15 Main Parts of Computer in Hindi
आज विभिन्न क्षेत्र में कंप्यूटर का इस्तमाल किया जाता है, क्योकि यह बड़े से बड़ा काम केवल कुछ मिनिट में करता है। इसी कारन लोगो के मन में सवाल आता है की Computer mein kya kya hota hai ? इस सवाल का जवाब जानने की उत्सुकता हर व्यक्ति को रहती है। एक कंप्यूटर में इस्तमाल किये जाने वाले सभी घटक और उनके कार्य (Parts of Computer in Hindi) निचे बताये गये है। तो आइये जानते है कंप्यूटर में क्या क्या होता है (15 Main Parts of Computer and their function in Hindi)
1. कंप्यूटर केस (Computer Case)
जैसा की आप चित्र में देख रहे है, कंप्यूटर केस यह वह बॉक्स है जिसमे कंप्यूटर सिस्टम बनाने के लिए कंप्यूटर के सभी हिस्सों को रखा जाता है। यह आमतौर पर कंप्यूटर केस को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि कंप्यूटर के पार्ट्स जैसे हार्ड ड्राइव, रैम मेमरी, मदरबोर्ड की फिटिंग और अन्य वायरिंग को आसानी से एक दूसरे के साथ जोड़ा जा सके, इसके अलावा कंप्यूटर के सभी आंतरिक पार्ट्स को सुरक्षित और ठंडा रखने के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। इसीलिए कंप्यूटर केस बॉक्स में छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जिससे बॉक्स के अंदर की गर्मी आसानी से बाहर निकल जाती है और कंप्यूटर पार्ट्स को ठंडा रखने में मदद मिलती है।
ग्राहक की जरूरत के अनुसार तथा अलग-अलग कंप्यूटर पार्ट्स के जरूरत के अनुसार विभिन्न तरीके के कंप्यूटर केस बनाए जाते हैं। कुछ कंप्यूटर केस को इतनी अच्छी तरीके से डिज़ाइन किया जाता है कि बाहर की ओर से देखने पर सब कुछ साफ-सुथरा, आकर्षित और सुंदर दिखाई देता है। आमतौर पर लोगों के घर में “सिंपल कंप्यूटर केस” पाया जाता है। इसके अलावा कुछ “पारदर्शी कंप्यूटर केस” भी मार्केट में उपलब्ध है जो फाइबर ग्लास से बने होते हैं, जिसके अंदर रंगीत रोशनी वाले लाइट लगे होने के कारण वह बाहर से अधिक आकर्षित दिखाई देते हैं।
2. Motherboard (मदरबोर्ड)
कंप्यूटर में क्या क्या होता है |
मदरबोर्ड यह कंप्यूटर का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जिसे कंप्यूटर केस के अंदर स्क्रू की सहायता से फिट किया जाता है। मदरबोर्ड्स पर वह सभी चीजें फिट की जाती है जो कंप्यूटर चलाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है जैसे रैम मेमोरी स्लॉट, सीपीयू सॉकेट, ग्राफिक्स कार्ड, बिजली की आपूर्ति वाले घटक और अन्य पॉइंट कनेक्टिविटी वाली चीजें सोल्डरिंग द्वारा एक दूसरे से जोड़ कर बनाई जाती है इसीलिए इसे मदरबोर्ड कहते हैं। कंप्यूटर के सभी पार्ट्स को एकत्रित करके नियंत्रित चलाने का काम मदरबोर्ड का होता है। कंप्यूटर में मल्टी-टास्किंग काम की गति के अनुसार मदरबोर्ड्स के सभी पार्ट्स को को कुशलतापूर्वक संचालित करने तथा उनकी अधिकतम क्षमता को पूरा करने की अनुमति देता है, ताकि किसी व्यक्ति को कंप्यूटर पर काम करते समय कोई परेशानी ना हो। मदरबोर्ड यहां कंप्यूटर के सभी घटकों में कनेक्टिविटी प्रदान करने का यह एकमात्र विकल्प है तथा इसमें खराब होने की संभावना बेहद कम होती है।
3. Central Processing Unit (CPU)
सीपीयू तथा सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट को मुख्य रूप से कंप्यूटर का दिमाग कहा जाता है। यह CPU कंप्यूटर द्वारा बताई गई सभी सूचनाओं का पालन करके कार्य को कम्प्यूटेशनल स्तर पर प्रोसेस करता है। कहा जाये तो CPU यह कंप्यूटर के विभिन्न भागो को आज्ञा देकर कार्य को प्रोसेस करता है । सीपीयू यह स्मार्ट तरीकेसे काम करता है, यह रैम से सभी गति-विधियों की जानकारी इनपुट के तौर पर लेता है और कंप्यूटर सिस्टम को आवश्यक कार्यों को करने के लिए रैम मेमोरी को प्रोसेस करता है।
Computer mein kya kya hota hai |
सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU) को आमतौर पर मदरबोर्ड के एक सॉकेट में बैठाया जाता है और इसे सुरक्षित करने के लिए एक कट आउट सेक्शन के साथ एक लीवर या एक हिंज प्लेट के साथ एक कुंडी का उपयोग किया जाता है। (सीपीयू) प्रोसेसर प्लेट के नीचे कई तांबे के पॉइंट होते है जो सॉकेट से संपर्क संपर्क करने के लिए दिए जाते हैं। जिसके द्वारा प्रोसेसर रन होता है। हालांकि ऐसे कई अन्य तरीके हैं जिनके द्वारा CPU को मदरबोर्ड से जोड़ा जा सकता है। खासकर जब आप उच्च सॉफ्टवेर पर काम करते है एसेमे CPU तथा प्रोसेसर अधिक मात्रा में गर्मी उत्पन्न करता है। जब CPU तेज गति से चलाने की गति पर सेट किया जाता है तो यह और भी ज्यादा गर्म हो जाता है, जिसे ओवरक्लॉकिंग भी कहते है।
यही कारण है कि (CPU) सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट को गर्मी से दूर करने के लिए थर्मल पेस्ट, हीट सिंक और फैन जैसे कॉम्पोनेन्ट फिटिंग की आवश्यकता होती है। पंखे की मदद से पतली सीट की धातु को ठंडा किया जाता है जो सीपीयू से जुड़ा हुआ होता है, जिसके कारण CPU को ठंडा करने तथा अच्छे गति पर काम करने में मदद मिलती है। कंप्यूटर प्रोसेसर कई प्रकार के होते हैं जैसे Intel, AMD, Ryzen और NVidia आदि।
4. रैंडम एक्सेस मेमोरी (RAM)
रैम या रैंडम एक्सेस मेमोरी (RAM) यह एक डेटा स्टोरेज डिवाइस है, जो तेज गति से पढ़ने, लिखने और काम की सुविधा यूजर को प्रदान करने में मदत करता है। RAM यह CPU को प्रोसेस करने के लिए डेटा पहलेसे तैयार रखता है।आपको बता दें कंप्यूटर सिस्टम की स्पीड बढ़ाने में RAM का बड़ा योगदान होता है। इसके आलावा RAM यह एक वोलेटाइल मेमोरी है जिसका अर्थ है, अचानक बिजली चली जाने पर यह सभी वर्त्तमान कार्य का (Unsaved)डेटा को खो देना।
रैम मेमोरी यह मदरबोर्ड के एक लंबे सीधे स्लॉट में प्लग होती है, रैम मेमोरी अपनी की जगह सुरक्षित लगी हुई है तथा नहीं यह जानने के लिए RAM Slot में लॉक सिस्टम भी दिया जाता है। स्लॉट के दोनों ओर से रैम का संपर्क मदरबोर्ड से जुड़ा हुआ होता है। आज के आधुनिक युग में रैम मॉड्यूल हीट स्प्रेडर के साथ बेचे जाते हैं, जिसके कारन ICs को ओवरलोड होने से बचाए रखता है और उन्हें ठंडा रखता है।
रैम मेमोरी कई प्रकार की आती है। आज के आधुनिक मदरबोर्ड पर इस्तेमाल की जाने वाली RAM मेमोरी अक्सर DDR (डबल डेटा रेट) और SDRAM (सिंक्रोनस डायनेमिक रैंडम एक्सेस मेमोरी) टाइप की उपयोग होती है। मार्केट में रैम मेमोरी अलग-अलग साइज में उपलब्ध है जैसे 4GB, 8GB, 16GB, 32GB, या 64GB RAM आदि।
5. ग्राफिक्स कार्ड (जीपीयू)
ग्राफिक्स कार्ड यह एक आउटपुट डिवाइस है जो मदरबोर्ड से डेटा लेता है और कंप्यूटर की स्क्रीन पर डिस्प्ले के लिए उपयुक्त जानकारी भेजता है। ग्राफिक्स कार्ड को वीडियो तथा डिस्प्ले कार्ड के रूप में भी जाना जाता है। आप HDMI cable, DVI और VGA कनेक्टर का उपयोग करके मॉनिटर को इससे कनेक्ट कर सकते हैं। एक ग्राफिक्स कार्ड मुख्यतः सीपीयू से सभी वीडियो प्रोसेसिंग करता है। सरल शब्दों में कहा जाये तो यह ग्राफिक्स कार्ड, कंप्यूटर की स्क्रीन को प्रदर्शित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
गेमिंग GPU के लिए अधिक प्रोसेसिंग होती है जिसके कारण, ग्राफिक्स कार्ड को ठंडा रखने के लिए पंखे दिए जाते हैं। एक ग्राफिक्स कार्ड तथा वीडियो कार्ड, मदरबोर्ड पर एक PCIE (पेरिफेरल कंपोनेंट इंटरकनेक्ट एक्सप्रेस) स्लॉट में प्लग किया जाता है। यह स्लॉट दोनों तरफ से हाय बैंडविड्थ के लिए सक्षम है। एक ग्राफिक्स कार्ड में एक ‘ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट’ (GPU) होता है, जो कंप्यूटर सिस्टम का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जिसे ठंडा करने की अधिक आवश्यकता होती है। हालांकि एक (GPU) ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट, सीपीयू की तुलना में काफी धीमी गति से काम करता है, परंतु इसे वीडियो रेंडरिंग जैसे आवश्यक काम को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
मैन्युफैक्चरर के अनुसार ग्राफिक्स कार्ड की मेमोरी अलग-अलग होती है। जैसे GDDR (ग्राफिक्स डबल डेटा रेट) ग्राफिक्स कार्ड के साथ SDRAM का उपयोग किया जाता है। क्योकि यह विशेष रूप से ग्राफिक्स को प्रदर्शित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके आलावा Radeon VEGA ग्राफिक्स कार्ड के साथ DDR RAM का उपयोग किया जाता है क्योकि यह एक साधारण बैंडविड्थ पर काम करने के लिए अनुकूल होता है।
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6. साउंड कार्ड
ज्यादातर मदरबोर्ड में साउंड चिप का इस्तमाल ऑडियो आउटपुट के लिए किया जाता है, परंतु यदि आप ध्वनि के प्रति अधिक उत्साही हैं तथा गेम खेलते समय High Quality वाला साउंड आउटपुट पसंद करते हैं, तो आप एक अच्छा साउंड कार्ड का उपयोग करने कर सकते हैं। साउंड कार्ड को कंप्यूटर में कई प्रकार से प्लग किया जाता है। यह USB, PCI स्लॉट, तथा PCI एक्सप्रेस x 1 स्लॉट के द्वारा प्लग हो सकता है। साउंड कार्ड पर एक साउंड प्रोसेसिंग चिप होता है जो सभी ऑडियो को प्रोसेस करता है, हालाँकि आमतौर पर यह अधिक पावरफुल प्रोसेसर नहीं होता है। एक साउंड कार्ड कई ऑडियो उपकरणों के साथ अच्छी रेंज की कनेक्टिविटी प्रदान करने में सक्षम होता है। जिसे ऑप्टिकल ऑडियो को 1/4 इंच जैक तथा RCA द्वारा कनेक्ट किया जा सकता है।
साउंड के मामले में External DAC ने अधिक लोकप्रियता हासिल की है, DAC यह डिवाइस डिजिटल ऑडियो सिग्नल को एक एनालॉग में बदलता है ताकि आपके हेडफ़ोन तक आवाज को पंहुचा सके। कंप्यूटर तथा लैपटॉप में मौजूद यह DAC डिवाइस आपके को USB केबल की तरह IO केबल द्वारा कनेक्ट होते हैं जिससे आपके स्पीकर तथा हेडफ़ोन के लिए साउंड आउटपुट प्रदान करते हैं।
7. हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD)
हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD) आज भी अधिकांश कंप्यूटरों में पाई जाती है। यह आमतौर पर एक स्टोरेज ड्राइव है, जो सभी डेटा को संग्रहीत करती है। हार्ड डिस्क ड्राइव को डाटा स्टोर करने के अलावा ऑपरेटिंग सिस्टम (OS) चलाने के लिए भी इसे बूट ड्राइव की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है। आप अपनी जरूरत के अनुसार कई अलग-अलग प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम इस ‘हार्ड डिस्क’ में इनस्टॉल कर सकते हैं। हालांकि SSD (सॉलि़ड स्टेट ड्राइव) के चलते अब ‘हार्ड डिस्क ड्राइव’ में ऑपरेटिंग सिस्टम और डाटा संग्रहित करने की तकनीक अब पुरानी हो चुकी है।
HDD में इनस्टॉल ‘ऑपरेटिंग सिस्टम’ यह एक प्रकार का सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जो कंप्यूटर पर काम करने वाले व्यक्ति को यूजर इंटरफ़ेस (UI) प्रदान करता है, उदाहरण ubuntu, MacOs, Linux, Windows 7, 8, 10 & 11 आदि अन्य प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम हार्ड डिक्स में इंस्टॉल किए जाते हैं।
हालांकि यह ‘हार्ड ड्राइव’ शारीरिक रूप से बेहद नाजुक प्रकृति की होती है। इसलिए मदरबोर्ड में ‘हार्ड डिस्क’ को प्लग करते समय बेहद सावधानी बरतनी पड़ती है तथा हल्की सी टक्कर के कारण ‘हार्ड ड्राइव’ की खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। यह डेस्कटॉप और कंप्यूटर सिस्टम को उचित शटडाउन की अनुमति देता है। इसके अलावा यदि आपके पास एक्स्ट्रा पावर सप्लाई तथा UPS नहीं है और अचानक इलेक्ट्रिक पावर सप्लाई बंद हो जाता है ऐसे में ‘हार्ड ड्राइव’ का डेटा नष्ट (Data corrupt) होने की संभावना बढ़ जाती है।
इस मैकेनिकल हार्ड ड्राइव में एक से ज्यादा प्लैटर्स होते हैं, जो लगभग 5200 से 10000 RPM (प्रति मिनट) के बीच कहीं भी घूमते हैं, प्लैटर्स के छोटे छोटे भागो में 0 और 1 की रूप में डेटा स्टोर होता है। इसके अलावा प्लैटर्स के ऊपर और नीचे कुछ दूरी पर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक आर्म्स होता है, जो प्लैटर्स में संग्रहित डाटा को रीड करता है। प्लैटर्स और आर्म्स में केवल 0।002 mm का अंतर होता है।
यदि आप अधिक डाटा स्टोर्ड करना चाहते हैं ऐसे में “एक्सटर्नल हार्ड डिस्क ड्राइव” को बाहरी ड्राइव के रूप में खरीद सकते है जो आमतौर पर यूएसबी केबल (USB) द्वारा आपके कंप्यूटर से कनेक्ट होती है।
8. सॉलिड स्टेट ड्राइव (SSD)
सॉलिड स्टेट ड्राइव (SSD) यह एक प्रकार की हार्ड ड्राइव है, लेकिन इसमें कोई मैकेनिकल पार्ट नहीं होता है। इसमें केवल फ्लैश मेमोरी होती है जो डेटा को संग्रहित करती है तथा सॉफ्टवेयर और अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम भी आसानी से इंस्टॉल किए जाते हैं। हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD) की तुलना में सॉलि़ड स्टेट ड्राइव (SSD) की ‘डेटा रीडिंग प्रोसेस’ काफी तेज गति से होती है और इसी कारण लैपटॉप तथा कंप्यूटर की स्पीड बढ़ जाती है।
SSD में कोई मैकेनिकल तथा हिलने वाला पार्ट नहीं होता है, तथा SSD कुछ धक्कों से तथा साधारण गिर जाने पर भी यह काफी सुरक्षित रहती है। हालांकि HDD की तुलना में SSD काफी महंगी होती है। बाजार में यह SSD मेमोरी की स्टोरेज क्षमता 120 GB से लेकर 30 TB (टेराबाइट) तक उपलब्ध है।
आज के आधुनिक लैपटॉप में इनकैप्सुलेटेड ड्राइव के रूप में SSD का इस्तेमाल अधिक किया जाता है, इसीलिए हमेशा पोर्टेबल प्रकार के कंप्यूटर तथा लैपटॉप की खरीदी करें ताकि बदलते हुए वक्त के अनुसार लैपटॉप तथा कंप्यूटर के पार्ट्स को भी आसानी से बदला जा सके।
9. पावर सप्लाई यूनिट (PSU)
पावर सप्लाई यूनिट (PSU) यह कंप्यूटर में चलने वाले छोटे-छोटे इलेक्ट्रिक डिवाइस तथा उपकरणों को उचित पावर सप्लाई तथा उचित वोल्टेज प्रदान करता है। जिससे उन्हें अत्याधिक इलेक्ट्रिक धारा प्रवाह से बचाया जा सके। पावर सप्लाई यूनिट (PSU)को ‘कंप्यूटर केस’ के अंदर फिट किया जाता है। यह AC Main सप्लाई को पावर कॉर्ड से लेता है और low- DC Voltage में परिवर्तित करके कंप्यूटर के अंदर सभी घटकों को उचित DC Voltage की आपूर्ति करता है।
अधिकतम विद्युत प्रवाह कंप्यूटर के ‘इलेक्ट्रिक कंपोनेंट’ को खराब कर सकता है। ‘पावर सप्लाई यूनिट’ यह कंप्यूटर सिस्टम को मज़बूती से चलाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस (PSU) ‘पावर सप्लाई यूनिट डिवाइस’ में कुलिंग फैन भी होता है, जब उच्च काम के दौरान जब बिजली की आपूर्ति बढ़ जाती है तो यह फैन PSU के अंदर सभी आंतरिक घटकों को ठंडा रखने में मदद करता है, ताकि नियमित DC वोल्टेज की सप्लाई मदरबोर्ड और अन्य कंप्यूटर हार्डवेयर को किया जा सके।
कंप्यूटर में PSU, सप्लाई वोल्टेज कुछ इस प्रकार प्रदान करता है:
- +3.3V : मदरबोर्ड सप्लाई
- +5V : अन्य कंप्यूटर हार्डवेयर सप्लाई (USB, Cooling Fan)
- +12V : मदरबोर्ड सप्लाई + अन्य इलेक्ट्रिक कंपोनेंट
10. मॉनिटर / विजुअल डिस्प्ले यूनिट (VDU)
लंबाई और चौड़ाई के अनुसार मॉनिटर स्क्रीन विभिन्न आकार में होते है। मॉनिटर स्क्रीन का माप तिरछे (Diagonally corner to corner) आकर में गिना जाता है। मॉनिटर के यह स्क्रीन साइज 19 इंच से लेकर 34 इंच तक आती है। कुछ ‘मॉनिटर’ गेमिंग स्क्रीन के लिए खास डिजाइन किए जाते हैं, जो इनपुट और आउटपुट की तेजी से प्रतिक्रिया देते हैं तथा गेमिंग मॉनिटर में स्क्रीन लैग (screen lag) होने की संभावना अन्य स्क्रीन के मुकाबले कम रहती है।
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कंप्यूटर के अन्य बाहरी बाह्य उपकरन
11. की-बोर्ड
कीबोर्ड यह एक इनपुट डिवाइस है जो कंप्यूटर के साथ संचार करने के लिए उपयोग किया जाता है। की-बोर्ड की एक बटन दबाने से ‘डेटा’ का एक छोटा सा हिस्सा ‘इनपुट’ की तौर पर कंप्यूटर में भेजा जाता है, ताकि कंप्यूटर जान सके की, यूजर ने कोनसी key दबाई है। एक बार जब कंप्यूटर की-बोर्ड की माध्यम से इनपुट प्राप्त करता है तो यह Keyword तथा कमांड उपयोग किए जा रहे किसी भी सॉफ़्टवेयर में विशिष्ट कार्य उत्पन्न करने के लिए कीस्ट्रोक्स का उपयोग करता है। कंप्यूटर सिस्टम इस जानकारी को कई प्रकार से इस्तेमाल करता है।
उदहारण: एक character (A to Z) तथा एक अन्य कमांड का उपयोग किसी भी डॉक्यूमेंट में किया जाता है।
Keystroke: जब आप की-बोर्ड की एक key प्रेस करते हैं, तब एक keystroke perform होता है और यह इनपुट कमांड के अनुसार यह विशिष्ट रूप से कार्य करता है
मुख्यता दो प्रकार के की-बोर्ड होते है
1. Membrane Keyboard : इसमे काम करने के बटन के निचे ‘रबर की परत’ होती है
2. Mechanical Keyboard: इसमें काम करने के लिए ‘Mechanism’ का इस्तमाल होता है।
12. माउस (Mouse)
माउस यह एक इनपुट डिवाइस है जो यूजर को मॉनिटर पर पॉइंटर द्वारा प्रदर्शित होता है और पॉइंटर को स्थानांतरित करने तथा कंप्यूटर सिस्टम के साथ अधिक सहज बातचीत करने की अनुमति देता है। यह माउस ‘USB वायर pin’ द्वारा कंप्यूटर तथा लैपटॉप में आसानी से कनेक्ट होता है। इसके अलावा बाजार में वायरलेस माउस (बिना वायर का माउस) भी उपलब्ध है जो केवल ‘USB सेंसर’ द्वारा ऑपरेट होता है। हालांकि लैपटॉप जैसे उपकरणों में ‘Touch Pad’ दिया जाता है जो माउस की तरह एक आसान पॉइंटिंग डिवाइस जैसा काम करता है।
Parts of Computer in Hindi |
आमतौर पर माउस में तीन मुख्य बटन होते हैं
- बाया (Right Button) : माउस की यह बटन किसी विकल्प को चुनने के लिए इस्तेमाल कि जाती है
- दाया (Left Button) : माउस की यह बटन मेनू तथा किसी फाइल की Details जानने के लिए इस्तेमाल कि जाती है,
- स्क्रोलर : Scroller यह माउस का तीसरा बटन होता है, जो किसी Web-Page तथा किसी डॉक्यूमेंट को ऊपर-नीचे स्क्रॉल करने की अनुमति प्रदान करता है।
इसके अलावा कुछ एडवांस माउस में 3 से अधिक बटन पाए जाते हैं जो विभिन्न कामों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
13. प्रिंटर (Printer)
प्रिंटर यह एक आउटपुट डिवाइस है जो कंप्यूटर द्वारा भेजी गई एक इमेज तथा छवि को कागज़ की शीट पर प्रिंट करने का काम प्रिंटर द्वारा किया जाता है।
प्रिंटर यह कंप्यूटर से इनपुट डेटा का उपयोग करता है, और टोनर तथा स्याही का उपयोग करके पेज पर छाप मारने के लिए इन्हे नियंत्रित और सटीक तरीके से जमा करता है। प्रिंटर को USB केबल द्वारा आसानीसे कंप्यूटर किया जाता है, तथा Printerके हार्डवेयर पार्ट्स को चलाने के लिए कंप्यूटर में Printer Drivers और प्रिंटर सॉफ्टवेर इनस्टॉल करने की जरूरत होती है।
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14. स्कैनर (Scanner)
स्कैनर यह एक इनपुट डिवाइस होता है, जो कागज पर मौजूद छवि को स्कैन करता है और उसकी एक डिजिटल इमेज बनाकर कंप्यूटर में भेजता है।
उदा: यदि आपके पास कोई पुराणी ‘फोटो’ है और आप इसे सुरक्षित करना चाहते है, एसेमे आप उसे स्कैनर द्वारा स्कैन करके कंप्यूटर में सेव कर सकते है। एक बार फोटो डिजिटल रूप से संग्रहीत (saved) होने के बाद यह खराब नहीं होगा, जैसा कि एक वर्त्तमान फोटो समय के साथ होता है।
आज के एडवांस युग में कुछ मशीने इस प्रकार डिजाईन की गई है जिनमे एक साथ प्रिंटिंग और स्कैनिंग भी की जाती है।
15. स्पीकर (Speaker)
कंप्यूटर स्पीकर यह एक प्रकार के आउटपुट डिवाइस है जिसे आप कंप्यूटर केस के पिछले हिस्से में लगे साउंड कार्ड से कनेक्ट कर सकते हैं। हालाँकि पुराने मॉनिटर में इंटरनल स्पीकर दिए जाते थे और मॉनिटर के स्पीकर से ध्वनि की गुणवत्ता काफी खराब रहती थी। जिसके कारन ज्यादातर लोग अपने डेस्क पर कंप्यूटर स्पीकर का एक अलग सेट खरीदना पसंद करते हैं। यह गेमिंग, गाने बजाने तथा फिल्म देखते वक्त एक अच्छा अनुभव जोड़ता है। यह स्पीकर आसानीसे USB केबल के माध्यम से कंप्यूटर को कनेक्ट होते है जो ‘साउंड कार्ड ड्राइवर्स’ की मदत से ध्वनी की तौर पर आउटपुट प्रदान करते है।
आज आपने क्या सिखा?
जैसा की आपने जाना, कंप्यूटर सिस्टम क्या है और कंप्यूटर में क्या क्या होता है (15 Main Parts of Computer in Hindi) जिससे एक पूर्ण कंप्यूटर बनाया जा सकता है। आज के युग में कंप्यूटर तथा लैपटॉप यह मानव की जरूरत बन चूका है। जिसके कारन मानवी श्रम कम लगता है और बड़े से बड़ा काम आसानीसे होता है।
उम्मीद करता हूँ दोस्तों हमारा लिखा गया यह पोस्ट “कंप्यूटर में क्या क्या होता है। 15 Main Parts of Computer in Hindi” आपको जरुर पसंद आया होगा। Computer mein kya kya hota hai? इसके बारे में यदि आपके पास अन्य जानकारी हो, तो कमेंट में जरुर बताये।
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